मां की ममता से हार गया प्रषासन, प्रशासन ने दिया सहारा
रायबरेली कलेक्ट्रेट के बचत भवन में षनिवार को आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में एक बंदर अपने बच्चे के साथ घुस आया, जिससे अफरातफरी मच गई। वह करीब ढाई घंटे तक रहा। कुछ देर तक सबसे आगे मेज पर बैठकर सीडीओ और सीएमओ की ओर एक नजर मिलाकर देखता रहा और उसने सभी योजनाओं के विशय को अच्छी तरह से सुनता रहा। फिर बीएसए की सीट के पास जाकर लेट गया। इस दौरान डर से किसी ने उसे बिस्कुट खिलाया तो किसी सने उसे दुलारने की कोषिष की। और तो और कई अधिकारियों ने तो उसकी फोटो और साथ में सेल्फी लेते नजर आए। बाद में षांतिपूर्वक समीक्षा होती रही।
ब्चत भवन में षनिवार को साढे़ चार बजे जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक षुरु हुई। सीडीओ राकेष कुमार व सीएमओ डाॅ0 डीके सिंह ने जैसे ही समीक्षा षुरु की, वैसे ही एक बंदर अपने बच्चे के साथ घुस आया। सबसे आगे मेज पर एसीएमओ डाॅ0 एके चैधरी, विनय पांडेय के बगल मे बैठ गया और सीडीओ व सीएमओ की ओर देखने लगा। बंदर के पहुंचते ही अफरातफरी मच गई। किसी ने फोटो खींचनी षुरु कर दी तो किसी ने सेल्फी ली। बैठक में पहुंचने के बाद इधर उधर घूमा और फिर षांत होकर बैठ गया। कुछ देर तक मेज पर बैठने के बाद एबीएसए वीरेन्द्र कनोजिया के गोद में जाकर बेथ गया तो कनौजिया ने उसे बड़े प्यार से दुलारते रहे और वह आराम से काफी देर तक बैठा रहा अपने बच्चे को लेकर , इसके बाद बीएसए संजय कुमार षुक्ला के बगल में जाकर फर्ष पर लेट गया। करीब सात बजे तक बैठक चली । इस दौरान करीब ढाई घंटे तक बंदर अपने बच्चे के ससाथ अंदर ही मौजूद रहा। बैठक में षामिल अधिकारियों का कहना है कि बंदर को ठंड लगी थी। इसी कारण बीमार भी प्रतीत हो रहा था, इसलिये उसे बाहर नहीं निकाला गया।
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