कांग्रेस के गढ़ में चली साइकिल, बसपा को नहीं मिली जीत.
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1962 से सरेनी विधानसभा में कांग्रेस ने 9 बार जीत का परचम लहराया
रायबरेली विधान सभा सरेनी 180
पुरुश वोटर -172179 महिला वोटर-143086
योग वोटर-315265 वोटर प्रतिषत-59.16
वर्तमान2016 में मतदेय स्थलों का विवरण -367
वर्तमान 2016में मतदान केन्द्रों का विवरण-290
रायबरेली विधानसभा चुनावों की तारीखें जैसे जैसे नजदीक आती जा रही है,सरेनी विधानसभा मे भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याषियों की संख्या मे इजाफा होता जा रहा है। प्रदेश मे चल रही भाजपा की लहर के चलते भाजपा नेता मोदी के सहारे विधायक बनने की जुगत मे लगे हुये है। आने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुये तीन दर्जन की संख्या मे संभावित प्रत्याषी सरेनी विधानसभा क्षेत्र मे भ्रमण कर जनता से समर्थन की अपील कर रहे है। जहां कांग्रेस से अशोक सिंह,रवीन्द्र सिंह,अनूप बाजपेयी टिकट मांग रहे है। वही बसपा से इकलौते चेहरे के रूप मे बाहरी प्रत्याषी ठाकुर प्रसाद यादव मैदान मे डटे हुये है।चुनाव तक अगर बसपा ने टिकट नही बदला तो बसपा से ठाकुर प्रसाद ही प्रत्याषी रहेंगे।
वहीं समाजवादी पार्टी से वर्तमान जनता के बीच से विधायक का ही नाम अभी तक टिकट की दावेदारी मे सुनायी पड रहा है। लेकिन भाजपा के बढते ग्राफ के चलते पूर्व मंत्री गिरीश नारायण पाण्डेय,राजकुमार बाजपेयी,जेपी सिंह,रामबहादुर यादव,पशुपति शंकर बाजपेयी,दीप प्रकाश शुक्ला,ओम प्रकाश शुक्ला,सुशील तिवारी,हरीषंकर पाण्डेय,देवेन्द्र सिंह दिब्बू,संदीप सिंह गहरौली,सुषील यादव,नागेन्द्र गुप्ता,कप्तान सिंह,कौषलेन्द्र सिंह,प्रदीप त्रिवेदी,कपिल दीक्षित,डा0 अनुराग कुमार पाण्डेय,विनोद बाजपेयी,जयनारायण शुक्ला आदि लगभग तीन दर्जन प्रत्याशी सरेनी विधानसभा क्षेत्र मे जनता के बीच जाकर अपनी पैठ बनाने मे जुटे हुये है।लगभग तीन दर्जन संभावित प्रत्याशी मोदी के सहारे मैदान मे डटे हुये है।सभी अपने मुंह मियां मिठ्ठू बनकर अपना टिकट फाइनल होने का दावा भी कर रहे है,लेकिन तीन चार प्रत्याषियों को छोडकर अधिकांश प्रत्याशी केवल सरकार आने के चक्कर मे निजी स्वार्थ व प्रचार के लिये भाजपा से जुडकर अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने की फिराक मे लगे हुये है।जहां भाजपा सरेनी विधानसभा मे मजबूत स्थिति मे बनकर उभरी है।
सरेनी विधान सभा से भाजपा ने दो बार जीत का परचम लहराया था।
1991 में गिरीष नारायण पाण्डेय ने 22795 वोट से जीत हासिंल की थी और इन्होने काग्रेस के इन्द्रेष विक्रम सिंह हराया था ।
1993 मे गिरीष नारायण पाण्डेय ने 36835 वोट से जीत का परचम लहराया था।
समाजवादी पार्टी ने 1962 से 2012 तक के चुनाव में तीन बार अपनी जीत हांसिल की है ।
1996 में सामाजवादी पार्टी के अषोक कुमार सिंह ने 47863 वोट जीत कर बीजेपी के गिरीष नारायण पाण्डेय का हराया था ।
2002 में सामाजवादी पार्टी के देवेन्द्र प्रताप सिंह ने 32837 वोट जीत कर काग्रेंस के अषोक कुमार सिंह को हराया था।
2012 वर्तमान में सामाजवादी पार्टी के विधायक देवेन्द्र प्रताप सिंह ने बहुजन समाजवादी पार्टी के सुषील कुमार को हराया था।
ज्नता की माने तो सरेनी के वर्तमान के विधायक देवेन्द्र प्रताप सिंह की बात करे तो वह बालू खनन व किसान लालता प्रसाद यादव खजूरगांव की मौत के चलते चर्चित रहे ,वर्तमान विधायक देवेन्द्र प्रताप सिंह की जनता में पकड़ कमजोर दिखाई पड़ रही है।उसका कारण जनता मे विकास न होना माना जा रहा है, और लोगो की समस्याओं की सुनवायी न होना भी जनता मे काफी नाराजगी दिखाई दे रही हैं
सरेनी विधान सभा में बहुजन समाजवादी पार्टी ने आज तक एक बार भी खाता नही खोल पाया है।इसके अलावा बहुजन समाजवादी पार्टी के घोषित प्रत्याषी ठाकुर प्रसाद यादव बाहरी होने के चलते जनता के बीच अपनी पैठ नही बना पा रहे है।
कांग्रेस की बात करे तो प्रत्याषी अशोक सिंह अपना टिकट पक्का मानकर प्रचार अभियान मे दिन रात एक किये हुये है। विकास करने की बात करे तो अशोक सिंह ने लालगंज झेत्र में रेलकोच और रेल पहिया और भी अन्य विकास किये है।क्योंकि सोनिया गांधी का संसदीय झेत्र है इस लिए इन्होंने काफी कुछ जनता में विकास भी कर चुके है। इन्दिरा गांधी के समय से कांग्रेस ने काफी कुछ इस विधान सभा को देती आयी है फिर चाहे सड़क हो या बिजली, पानी, सिंचाई के लिये नहर हो या षिक्षा सभी कुछ दिया है।
अगर सरेनी विधान सभा मेें 1962 से 1912 तक कांग्रेस ने 9 बार जीत का परचम लहराया है।
यहां से काग्रेंस ने दो बार महिला प्रत्यासी श्रीमती सुनीता सिंह चैहान को 1977,1980 मैदान में उतारा और उन्होने जीत भी हांसिल की।
वास्तव मे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह व प्रदेष अध्यक्ष केशव मौर्या ने यह कहकर कि दस हजार से कमवोट पाने वालों के बारे मे विचार नही किया जायेगा।
इससे कुछ प्रत्याशी चुनाव मैदान से बाहर हो सकतेहै।उल्लेखनीय है कि चुनाव मे भारतीय जनता पार्टी वर्तमान मे शीर्ष नेतृत्व टिकट देने मे फूंक फूंक कर कदम उठा रहा है।बराबर पार्टी के द्वारा सर्वे किया जा रहा है।ऐसी स्थितियों को देखते हुये भाजपा का शीर्ष नेतृत्व सरेनी विधानसभा सीट को जीतने के लिये मजबूत प्रत्याषी ही मैदान मे उतारेगा।हाल फिलहाल यहां की जनता ने कभी भी बाहरी प्रत्याषी को अपना समर्थन नही दिया है।बहरहाल मतदाता भाजपा को जिताने के मूड मे है,बशर्ते भाजपा के द्वारा योग्य व जिताऊ उम्मीदवार मैदान मे उतारा जाये।
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