http://www.patrika.com/news/raebareli/raebareli-ashish-writes-book-on-india-major-projects-1454747/
रायबरेली जिले के उमरा मऊ गांव के निवासी रिटायर्ड सीआईडी स्पेक्टर रामनरेश सिंह के पुत्र आशीष कुमार सिंह की दो किताबें छपी है यह पुस्तके क्रमंशा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा )की जमीनी हकीकत परिशिष्ट कास्ट ऑफ़ कास्टष और भारत में सामुदायिक रेडियो की स्थित पर जर्मनी के लैंबर्ट पब्लिकेशन से छपी है, दोनों पुस्तकें इंटरनेट पर उपलब्ध है। मनरेगा एक महत्वकांक्षी योजना है जो वर्ष में 100 दिन का रोजगार देने की गारंटी देना सुनिश्चित करती है ।आशीष ने अपनी पुस्तक में यह समझाने की कोशिश की है कि मनरेगा से मिलने वाला रोजगार आमदनी तो उपलब्ध कराता है, लेकिन क्या या समाज में ऊंच-नीच के विभाजन पर कोई असर डालता है आत्म सम्मान के साथ रोजगार समाज में सामंजस्य बैठाने के लिए जरुरी है, लेकिन हमारे समाज की संरचना जातिगत भेदभाव और आर्थिक स्थिति के हिसाब से व्यक्तित्व तय करती है, ऐसे में मनरेगा जैसी योजनाओं का विश्लेषण जरूरी हो जाता है साथ ही उन्होंने कहा सोसल आडिट होना भी जरुरी हैं उन्होंने " उन्होंने बताया कि "अन्तर्राष्ट्री मजदूर संघ में एक मुददा उठा था कि आमदनी के साथ साथ आत्मसम्मान भी जरुरी है इस पर ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सटी में इस पर तीन किताब भी लिखी गयी है। ब्राजील में इससे मिलती जुलती योजनाये है , मिडडे योजना, आधारकार्ड,बेसिक शिझा,स्वास्थ्य इस तरह की योजनाएं चलती है और भी देशो में भी है।
आशीष की दूसरी किताब भारत में सामुदायिक रेडियो के बारे में है ,भारत जैसे देश में चर्चा विमर्श गांव की चौपालों मंदिरों पर दोपहर से शाम तक चलते रहते हैं, और यही चर्चाएं सूचना और सोच के आदान-प्रदान का स्रोत बनती है ऐसे में सामुदायिक रेडियो का महत्व बढ़ जाता है। सामुदायिक रेडियो संचार का एक ऐसा माध्यम है जिसमें श्रोता और वक्ता दोनों उसी समुदाय के होते हैं, श्रोता वक्ता की या निकटता उस समुदाय के विकास की प्रक्रिया को आसान बना देती है । मोदी सरकार ने रेडियो को "मन की बात " का जिस कार्यक्रम की शुरुआत की है वह भी रेडियो को बढ़ाने में एक अच्छा योगदान है।
भारत के बाहर के देशों के प्रोफेसरों ने जैसे अमेरिका ,डेनमार्ग, नार्वे, नीदरलैंड के प्रोफेसरों ने बधाई दी है साथ ही (एमआईटी के प्रोफेसर नॉम चाम्ससाकी ने विशेष बधाई दी थी।
आशीष ने रायबरेली के गोपाल सरस्वती विद्या मंदिर से हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई करने के बाद माखन लाल चुतर्वेदी यूनिवर्सटी पत्रकारिता में स्नातक की डिग्री ली है । इसके बाद मुंबई के टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान और मुंद्रा संचार संस्थान अहमदाबाद से रिसर्स किया , ओस्लो यूनिवर्सिटी कॉलेज नार्वे से सोशल साइंस में परास्नातक की पढ़ाई की और (पब्लिक पाल्सी में ) नरेगा पर रिसर्स किया।
भारत के बाहर के देशों के प्रोफेसरों ने जैसे अमेरिका ,डेनमार्ग, नार्वे, नीदरलैंड के प्रोफेसरों ने बधाई दी है साथ ही (एमआईटी के प्रोफेसर नॉम चाम्ससाकी ने विशेष बधाई दी थी।
आशीष ने रायबरेली के गोपाल सरस्वती विद्या मंदिर से हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई करने के बाद माखन लाल चुतर्वेदी यूनिवर्सटी पत्रकारिता में स्नातक की डिग्री ली है । इसके बाद मुंबई के टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान और मुंद्रा संचार संस्थान अहमदाबाद से रिसर्स किया , ओस्लो यूनिवर्सिटी कॉलेज नार्वे से सोशल साइंस में परास्नातक की पढ़ाई की और (पब्लिक पाल्सी में ) नरेगा पर रिसर्स किया।
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