अमृत योजना के द्वारा पड़ रही सीवर लाइन में अधिकारी कर रहे अनदेखी, भविष्य में कितनी सही साबित होगी यह सीवर लाइन
आम जनमानस कोई बोलने की कोशिश करता है तो उसको उल्टा सीधा समझा दिया जाता है जिससे कोई बोल नहीं पाता है। पाइप जो डाले जा रहे हैं सीमेंट के वह कैसे हैं किस तरह से डाले जा रहे हैं व जो भी चेंबर बनाये जा रहे है इसकी ना कोई फोटोग्राफी होती है ना कोई अधिकारी ध्यान देता है। मशीन उसको उठाते है और खींचती हुई सड़क पर से ले जाते है जिससे उसका आगे का हिस्सा (मुंह) ज्वाइंट वाला हिस्सा पूरा टूट जाता है और उसको नीचे गड्ढे में डाल दिया जाता है, बाद में बताया जाता है कि यह जॉइंट लगा दिया जाएगा जिससे काफी मजबूत रहेगा।
लेकिन आम जनमानस और लोगों का यह कहना है इससे तो पानी आने वाले समय में कभी भी लीक कर सकता है। इस मामले पर वहां के कर्मचारी और जो जेई होते हैं वह कहते हैं कि आपको क्या एबीसीडी पता है इस तरह की बातें कहकर मामले को दबा दिया जाता है। जिला प्रशासन इस पर कोई ध्यान नहीं देता है ना कोई कमेटी बनाई गई है जिस पर वह नजर रख सकें, अगर उसकी कोई फोटोग्राफी भी करता है तो उसको पूरी तरह से मना कर दिया जाता है और पूछते हैं भाई फोटोग्राफी क्यों कर रहे हो ऐसी पाबंदी लगाते है कंपनी के अधिकारी और जेई। अगर कोई गलत काम कर रहा है तो उस पर भी यह लोग मना करते हैं केवल अपने गलत काम को छुपाने के लिए, इस पर जिला प्रशासन को सोचना चाहिए और ऐसे अधिकारियों के खिलाफ पूछताछ कर कार्यवाही करना चाहिए लेकिन शायद ऐसा बहुत कम मुमकिन होगा। आने वाले समय में रायबरेली शहर की सीवर लाइन का हाल क्या होगा यह तो कुछ सालों बाद ही शायद आम जनता को एहसास होगा। प्रशासन के अधिकारियों का दूसरे स्थान पर स्थानांतरण हो जाएगा और कंपनी अपना काम करके निकल जाएगी। अगर किसी को मुसीबत का सामना करना पड़ेगा तो वह है आम जनमानस अगर अभी नहीं देखा गया और इस पर सही तरह से काम नहीं किया गया य ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में सरकार का पैसा भी बर्बाद जाएगा और आम जनमानस को भी इसका भुगतान करना पड़ेगा जो देखा वह लिखा है।
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