उन्नाव के मालवी कमला शंकर अवस्थी का निधन, जनता में शोक की लहर।
उन्नाव जनपद के मालवी कहे जाने वाले शिक्षा सेवी आदरणीय कमलाशंकर अवस्थी ने 87 वर्ष की अवस्था में अपने रामलीला मैदान उन्नाव स्थित आवास पर रात 1:30 बजे सीताराम के भजनों के बीच अंतिम सांस ली. वह पिछले चल रहे थे ।उन्नाव की जनता में शोक की लहर फैल गई ।
श्री अवस्थी का जन्म 1931 में पंडित गोकरन नाथ अवस्थी एवं श्रीमती रामदुलारी अवस्थी के आंगन में हुआ था ।आपके पिता बीघापुर ब्लाक के सथनी बाला खेड़ा गांव के निवासी थे। रोजी रोटी के सिलसिले में वह कोलकाता चले गए वही उनका कम उम्र में निधन हो गया ,उस वक्त कमलाशंकर अवस्थी सिर्फ 3 वर्ष के थे । मां रामदुलारी अवस्थी उन्हें उन्नाव ले कर चली आई यही उनका लालन-पालन हुआ । राजनीति एवं सहकारिता आंदोलन से जुड़े श्री अवस्थी ने शिक्षा के क्षेत्र में 90 के दशक में कदम रखा और उन्नाव जनपद के मूल निवासी विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में उपकुलपति रहे। डॉक्टर शिवमंगल सिंह पाल सिंह सुमन की सरपरस्ती में जनपद की माटी के सपूत महाप्राण सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के नाम पर निराला शिक्षा निधि का गठन किया। जन सहयोग से 1993 में बीघापुर ओसियां में महाप्राण निराला महाविद्यालय की स्थापना भी की।
उन्नाव जनपद के मालवी कहे जाने वाले शिक्षा सेवी आदरणीय कमलाशंकर अवस्थी ने 87 वर्ष की अवस्था में अपने रामलीला मैदान उन्नाव स्थित आवास पर रात 1:30 बजे सीताराम के भजनों के बीच अंतिम सांस ली. वह पिछले चल रहे थे ।उन्नाव की जनता में शोक की लहर फैल गई ।
श्री अवस्थी का जन्म 1931 में पंडित गोकरन नाथ अवस्थी एवं श्रीमती रामदुलारी अवस्थी के आंगन में हुआ था ।आपके पिता बीघापुर ब्लाक के सथनी बाला खेड़ा गांव के निवासी थे। रोजी रोटी के सिलसिले में वह कोलकाता चले गए वही उनका कम उम्र में निधन हो गया ,उस वक्त कमलाशंकर अवस्थी सिर्फ 3 वर्ष के थे । मां रामदुलारी अवस्थी उन्हें उन्नाव ले कर चली आई यही उनका लालन-पालन हुआ । राजनीति एवं सहकारिता आंदोलन से जुड़े श्री अवस्थी ने शिक्षा के क्षेत्र में 90 के दशक में कदम रखा और उन्नाव जनपद के मूल निवासी विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में उपकुलपति रहे। डॉक्टर शिवमंगल सिंह पाल सिंह सुमन की सरपरस्ती में जनपद की माटी के सपूत महाप्राण सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के नाम पर निराला शिक्षा निधि का गठन किया। जन सहयोग से 1993 में बीघापुर ओसियां में महाप्राण निराला महाविद्यालय की स्थापना भी की।
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