डीएम ने संसद के सदस्य क्षेत्र विकास निधि की अनुसूची को भेजा पत्र ।
रायबरेली सांसद सोनिया गांधी को वित्तीय वर्ष 2018-19 में निधि से एक भी किश्त नहीं मिली है, जबकि सोनिया गांधी ने 4.31 करोड़ के कार्यों को स्वीकृत पहले ही दे दी है। इस मामले में डीएम नेहा शर्मा ने संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास निधि के अनुसचिव को पत्र भेजकर निधि से प्रथम व द्वितीय किस्त दिए जाने का अनुरोध किया है। इसमें पांच करोड़ रुपये की मांग की गई है ।
वर्ष 2011-12 से अबतक सांसद सोनिया गांधी ने निधि से जिले में 425 कार्यों को पूर्ण कराया है। इन कार्यो को पूरा कराने 57.39 करोड़ रुपए खर्च किए गए। वित्तीय वर्ष 2018-19 में सांसद निधि को एक भी किश्त नहीं मिली है। निधि ना मिलने के कारण करीब 4.31 करोड़ लागत के कार्यो को आरंभ नहीं हो पा रहे हैं । मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने 2016-17 का उपयोगिता प्रमाण पत्र, वर्ष 2017- 18 को अंन्तिम उपभोग प्रमाण पत्र व वर्ष 2018 -19 का उपयोगिता प्रमाण पत्र ,संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास निधि को अनुसचिव को उपलब्ध कराकर वित्तीय वर्ष 2018 -19 की निधि से प्रथम व द्वितीय किस्त उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। जिससे संसद से स्वीकृत कार्यों को शुरू कराया जा सके।
अब तो खर्च होने से रहे वित्त मंत्री से मिले ढाई करोड़।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सांसद सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली को नोडल जिला चुना है। उन्होंने बीती 25 सितंबर को अपने निधि के ढाई करोड़ रुपए जिले में विकास कार्य कराने के लिए उपलब्ध करा दिए थे । करीब 5 महीने बीतने के बाद भी वित्त मंत्री के ढाई करोड़ खाते तक ही सिमटकर कर रहे गए है । कई बार मांग के बाद भी वित्त मंत्री ने सोनिया संसदीय क्षेत्र में फूटी कौड़ी खर्च नहीं की है । विभागीय सूत्रों का कहना है कि यदि वित्त मंत्री अभी कार्यों की स्वीकृति दे देते हैं तो धन राशि को खर्च नहीं किया जा सकता है, लेकिन मार्च के पहले ही सप्ताह में लोकसभा चुनाव के लिए अधिसूचना जारी हो सकती है।
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