राना बेनी माधव बक्श सिंह का इतिहास: भाग-2 "गदर के गद्दार या गद्दारी के तोहफे" प्रथम स्वाधीनता संग्राम के महानायक शूरवीर राना बेनी माधव सिंह ने अंग्रेजी फौजों का डटकर मुकाबला किया। उनकी रियासत शंकरपुर में 229 गांव थे। शंकरपुर रियासत उत्तर में सतांव से लेकर दक्षिण में मलके गांव तक फैली थी। अंग्रेजों को कई बार पराजित कर देने वाले राना ने दोनों तरफ से किले को घेरे जाने पर अंग्रेजी सेनाओं से मुकाबले के बजाय पलायन करना ही उचित समझा। रास्ते में उन्हें कई जगह अंग्रेजी सेनाओं से युद्ध करना पड़ा और सभी को पराजित करते हुए अंततः हुआ बेगम हजरत महल के साथ बहराइच होते हुए नेपाल कूच कर गए। उनके राज्य को छिन्न-भिन्न करके गदर की लड़ाई में साथ देने वाले जनपद के गद्दार जमींदारों और तालुकेदारों को गांव पुरस्कार स्वरूप दे दिए गए। सबसे बड़ा लाभ मुरारमऊ और खजूरगांव के राजा को मिला। यह इतिहास जिले के प्रख्यात लेखक अमर बहादुर सिंह 'अमरेश' ने अपनी पुस्तक 'राना बेनी माधव' में अंग्रेजी राज में अंग्रेज लेखकों द्वारा लिखी गए 'हिस्टोरिकल एल्बम राज आज एंड तालुकेदार्स आप अवध...