रायबरेली में एक ओर जहां राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सबको समान शिक्षा व समान अधिकार की बात की जाती है तब ऐसे में लगता है कि दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है। दिव्यांगों को शिक्षित एवं प्रशिक्षित करने के लिए जिला स्तर पर 42 विशेष शिक्षक नियुक्त किए गए हैं। जो कि ही दिव्यांग बच्चों के सापेक्ष में बहुत कम है। इस वर्ष के सर्वे के अनुसार जनपद रायबरेली में लगभग 2900 से दिव्यांग बच्चे चिन्हित किए गए हैं, इन दिव्यांग बच्चों को शिक्षित एवं प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी इन विशेष शिक्षकों के ऊपर है, यह दिव्यांग बच्चे प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नामांकित है और यह विशेष शिक्षक इन बच्चों को शिक्षित करने हेतु अलग-अलग विद्यालयों में जाकर एक दिन में ही 2 से 3 विद्यालयों में जाकर शैक्षिक रिपोर्ट देते हैं । क्योंकि राज्य परियोजना का आदेश है कि उक्त शिक्षक 1 दिन में दो से तीन विद्यालयों में जाकर शैक्षणिक सपोर्ट करेंगे। इन विशेष शिक्षकों की नियुक्ति जिला बेसिक शिक्षा विभाग की समेकित शिक्षा अधिकारी के तहत है।
जबकि विकासखंड डीह में लगभग डेढ़ सौ दिव्यांग बच्चों पर नियुक्ति है एक विशेष शिक्षक ऐसे में इन दिव्यांग बच्चों को शिक्षित एवं प्रशिक्षित करना एक चुनौती का विषय बन गया है । लेकिन इन सभी चुनौतियों को मात देते हुए विकास खंड डीह में तैनात विशेष शिक्षक बृजेश यादव ने दिव्यांग बच्चों को जो योग्यताएं अर्जित कराई हैं उसे सुनकर आप भी दंग रह जायेंगे, कहते हैं कि
मंजिले उन्हें मिलती है जिनके सपनों में जान होती है पंखों से नहीं हौसलों से उड़ान होती है।
इस शिक्षक ने यह साबित कर दिखाया की दिव्यांग बच्चों में बहुत योग्यताएं होती है केवल उन्हें एक अच्छा मार्गदर्शक मिल जाए । इस संबंध में जब हम विकासखंड डीह के इन दिव्यांग बच्चों के बारे में चर्चा सुनी तो इन दिव्यांग बच्चों से मिलने उनके घर व विद्यालय कचनावां गांव के दृष्टिबाधित कमल से मिले तो वह बच्चा 80 तक पहाड़ा, उल्टी गिनती, सामान्य जानकारी, ब्रेल व लाखों करोड़ों का हिसाब जैसे बाएं हाथ का खेल हो, वही ग्राम पीड़ी निवासी दीपक को 25 तक पहाड़ा सामान्य जानकारी फोन नंबर याद रखना लाखों का हिसाब ब्रेल का लिखित एवं मौखिक ज्ञान आदि में बहुत निपुण है,
डीह निवासी फूलजहां 20 तक पहाड़ा व्यवसायिक प्रशिक्षण आदि के बारे में बताया । पूर्व प्रधान पीढ़ी महेश यादव, मेवालाल, व अभिभावक रामप्यारे, मालती, संजय आदि ने बताया की डीह में तैनात विशेष शिक्षक बृजेश यादव दिव्यांग बच्चों को फोन पर भी पढ़ाते हैं, और कुछ दिव्यांग बच्चों का विद्यालय में नामांकन करवाने के साथ साथ उन्हें कभी-कभी अपनी मोटरसाइकिल से छोड़ने भी चले जाते है। इस शिक्षक को समर्पण भावना के अभिभावक व ग्रामीण उनकी तारीफ करते नजर आए । अब देखना यह है कि यह शिक्षक इन दिव्यांग बच्चों को कहां तक ले जाने में सफल होते है।
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