वीवीआईपी रायबरेली में जिले में केंद्र हो या प्रदेश की सरकारों के मंत्री केवल दिखाते आये जनता को सपने,
सूबे के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने ड्यूटी से गायब रहने वाले 23 डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए।
सूबे के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बचत भवन में स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा की थी /समीक्षा में विभागीय कार्य ठीक ढंग से न होने पर मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को फटकार लगाई और सुधरने की चेतावनी दी। मंत्री ने ड्यूटी से गायब रहने वाले 23 डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए।
उत्तर प्रदेश में न जाने कितनी पार्टियों की सरकार बनी / लेकिन रायबरेली में स्वास्थ्य विभाग को या अन्य विभाग को लेकर न जाने जिले में कितने मंत्री इस वीवीआईपी जिले में समीछा बैठके कितने निरीझण अस्पतालों के हुए / फिर चाहे कांग्रेस की सांसद सोनिया गाँधी जी हो या वर्तमान केंद्र की स्वास्थ्य मंत्री अनुप्रिया पटेल हो या प्रदेश के पिछली सरकारों के मुख्यमंत्री हो या उनके विभाग के कोई मंत्री पर इस रायबरेली जिले का जिला अस्पताल और सीएचसी ,पीएचसी अस्पताल हो लेकिन वह यहां की जनता को कोई भी सुविधा नहीं दे सके है / क्योकि जिले में लगातार जनसंख्या बढ़ती जा रही है , लेकिन सुविधाये वही पुरनी चलने को मजबूर है / जब की प्रशासन का कहना है की शाशन से बजट आता है और जिले में लगाया जाता है , लेकिन वह कैसे उसका जनता उपयोग कर भी पाती है या आपस में बंदरबाट हो जाता है /क्योकि जिला अस्पताल में न तो फोर्थ क्लास के कर्मचारी है न जनता के मानक के अनुसार डाक्टर है , और न यहां पर पर्याप्त मरीजों के इलाज के लिए मशीन है /और जो सबसे जरुरी सुविधा होनी चाहिए दवाये और कमरे वह भी नहीं है / जिले में एक ही बड़ा अस्पताल है जबकि उसकी शाखाये हर जगह है लेकिन जनता जिलाअस्पताल ही आती है / क्योकि सीएचसी पीएचसी में न तो डाक्टर बैठते है और ना दवाये पर्याप्त मिलती है / और न कोई उच्च अधिकारी निरीझण करने जाता है अगर मोके पर कार्यवाई करने से भी डरते है अगर हो भी जाती है तो राजनितिक दबाव आड़े आने लगता है / और इसी का नतीजा है की लोकल डाक्टर लापरवाही बरतते नजर आ रहे है / और इसमें जनता को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है / क्या योगी सरकार रायबरेली की जनता को स्वास्थ्य , हो या अन्य योजनाये समय में दे पाएगी या फिर पिछली सरकारों की तरह रायबरेली जिले को केवल सपने देखने को मजबूर होना पड़ेगा /
साथ ही गायब रहने वाले डॉक्टरों की सूची सीएमओ से तलब की। यही नहीं वर्षों से अस्पतालों में जमे बाबुओं को हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने मीडिया से बातचीत में साफ कहा कि यहां पर स्वास्थ्य सुविधाएं ठीक नहीं हैं। जल्द इसे बेहतर बनाया जाएगा।
कलेक्ट्रेट के बचत भवन में एक घंटे तक चली समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य मंत्री का पूरा फोकस स्वास्थ्य सुविधाओं की हकीकत जानना था। एक.एक करके जिला अस्पताल और सीएचसी.पीएचसी में रोगियों को मिल रही स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में जाना। इस दौरान जानकारी हुई कि छह माह से 23 डॉक्टर गायब चल रहे हैं।इस पर मंत्री ने नाराजगी जताई। उन्होेंने गायब रहने वाले डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए। साथ ही उनकी सूची तलब की। मिशन इंद्रधनुषए एनआरएचएम के तहत हुए कार्यों को भी जाना। स्वास्थ्य सुविधाओं के कार्य ठीक न मिलने पर उन्होंने सीएमओ डॉक्टर डीके सिंह व जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ एनके श्रीवास्तव पर नाराजगी जताई और सुधरने की चेतावनी दी।
उन्होंने सीएमओ से रोगियों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने वाले झोलाछॉपों के खिलाफ भी कार्रवाई की बात कही। अस्पतालों में सालों से जमे बाबुओं को तत्काल हटाने के निर्देश दिए। समीक्षा बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में मंत्री ने कहा कि जिले की स्वास्थ्य सुविधाएं ठीक नहीं पाई गई हैं। इसे बेहतर किया जाएगा।
सीएमओ ने 17 एक्सरे टेक्नीशियन के सापेक्ष आठ एक्सरे मशीनें हैं। सीएमओ ने मशीनें बढ़ाने की मांग की है। वहीं मंत्री ने जननी सुरक्षा योजना में कम भुगतान पर नाराजगी जताई।बैठक में डीएम अभय सिंहए एसीएमओ डॉ एसके चकए उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डीएस अस्थाना आदि मौजूद रहे। जिला अस्पताल में बने ट्राॅमा सेंटर में इमरजेंसी को संचालित कराया जा रहा है। मंत्री ने इसकी पूरी जानकारी ली। उन्होेंने सीएमओ से स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव से बात करके ट्राॅमा सेंटर को अपग्रेड कराने के निर्देश दिएए ताकि यहां पर ट्रॉमा सेंटर जैसा इलाज रोगियों का हो सके।
समीक्षा बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने जिला अस्पताल की इमरजेंसी कक्ष का जायजा लिया। इस पर मंत्री हैरान रह गए और उन्होंने अफसरों को फटकार लगाई। उन्होंने सीडीओ देवेंद्र पांडेय से जलभराव की समस्या दूर कराने के निर्देश दिए। जलभराव होने पर मंत्री बिना वार्ड का निरीक्षण किए वापस लौट गए।
जिले के स्वास्थ्य केंद्रों से सालों से लापता हैं ये डॉक्टर
डॉक्टर का नाम तैनाती स्थल कब से गायब
कुलदीप श्रीवास्तव पीएचसी दुधवन 11.5.2010
गुरमीत सिंह सीएचसी बेलाभेला 1.5.2012
सुनील कुमार वर्मा पीएचसी तेजगांव 31.5.2012
आलोक यादव पीएचसी देवगांव 10.4.2012
अजय गौतम पीएचसी मधुकरपुर 28.6.2012
सतीश चंद्रा सीएचसी डलमऊ 29.5.2011
विपिनचंद्र उपाध्याय सीएचसी लालगंज 25.5.2010
गौरव चतुर्वेदी सीएचसी खजूरगांव 12.5.2010
शिव कुमार सीएचसी डलमऊ 21.2.2013
अभिषेक चौधरी पीएचसी मिश्रखेड़ा 10.4.2011
अभिषेक कुमार सीएचसी खजूरगांव 10.4.2011
अतुल कुमार द्विवेदी पीएचसी रसूलपुर धरावां 10.4.2012
विश्वजीत आर्या पीएचसी घिरौना अक्तूबर 2014
पुणेंद्र मिश्रा - सीएचसी बछरावां - 18.10.2014
अमित कुमार सीएचसी नसीराबाद 13.3.2015
रवि प्रकाश मिश्रा सीएचसी नसीराबाद 20.10.2014
अभिनव वर्मा पीएचसी गोविंदपुर माधव 5.6.2015
अभिषेक कुमारी सिंह सीएचसी लालगंज 30.4.2015
समाना रजा महिला चिकित्सालय महराजगंज 12.2.2015
श्रेया जायसवाल पीएचसी महराजगंज 30.3.2015
अनुज सिंह कुशवाहा पीएचसी दुधवन 6.1.2017
डॉण् मेराज अहमद पीएचसी भोजपुर 1.2.2010
सुशील कुमार मिश्रखेड़ा 1.4.2010
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