रायबरेली, जिले की जनता को श्रीमती सोनिया गाध्ंाी ने एक सपना दिखाया था, और वह आज पूरी तरह सच होता नजर आया है। इस बात को लेकर यहां की जनता मोदी सरकार और सोनिया गांधी को धन्यवाद देती नजर आयी। जिले की जनता ने एक सपना देखा था कि आने वाले समय में दिल्ली के एम्स जैसा रायबरेली में भी ऐम्स होगा जहां रायबरेली जिला स्वास्थ्य सेवा को लेकर एक जंग लड़ रहा था। उस जंग का आज अन्त होता दिखाई दिया।
रेलकोच कारखाने के बाद जनता ने एम्स की भी जंग जीत ली है। नौ सालों में किसी ने जमीन देने में रोढ़े अटकाए तो किसी ने जमीन देकर नींव मजबूत की।तो लोगों के चेहरों पर मुस्कान आ गई। आज सुबह आठ बजते ही एम्स ओपीडी के दरवाजे जनता के लिए खुल गये। जिसके बाद जिले के ही नहीं आसपास के कई जनपदों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने को लेकर यहां पर भारी तादाद में मरीज और उनके साथ आये परिजनों ने टोकन लेकर अपना चेकअप कराते नजर आये। लोगों के चेहरों पर काफी खुशी नजर आयी ।
बजट को लेकर उठते नजर आये कई सवाल
वर्ष 2007 में एम्स को लेकर सुगबुगाहट शुरू हुई, दो साल बाद 2009 में सांसद सोनिया गांधी के प्रयास से कैबिनेट में एम्स की स्थापना के प्रस्ताव पर मोहर लगा दी। इसके बाद जमीन को लेकर काफी जद्दोजहद शुरू हुई। मुंशीगंज स्थिति यहां पर शुगर मील की जमीन के अधिगृहण को लेकर कागजी कार्रवाई शुरू हुई लेकिन प्रदेश में चल रही बसपा सरकार ने अचानक चुप्पी साध ली। इसको लेकर एम्स की जमीन अधिग्रहण नही हो सकी। प्रस्ताव पास होने के बाद सरकार की ओर से जमीन न दिए जाने के कारण इसका निर्माण रुक गया। फिर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार आयी, तो सपा सरकार ने एम्स की जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया की शुरुआत कर दी।
सपा सरकार के साथ गांधी परिवार के रिश्तों ने सरकार को विकास के साथ चलने के मजबूर होना पड़ा। और उसका नतीजा आज जिले में देखने को मिला तो कही न कही सपा सरकार का भी सबसे बड़ा योगदान रहा है इस एम्स को खड़ा करने में।
एम्स में मरीजों और परिजनों की दिखी लम्बी लम्बी कतारे।
सुबह से ही एम्स में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जिले का प्रशासन और एम्स प्रशासन जनता को अच्छी स्वास्थ्य सुविधायें पहले दिन से अच्छी मिल सके इसके लिये सारी सुविधायें कर रखी थी। जगह जगह सिक्योरिटी गार्ड, वार्ड व्याय , और डाक्टर मरीज और परिजनों को चिकित्सा व अन्य सुविधायें देते नजर आये।
पहला दिन होने के कारण कुछ कमियां भी दिखी।
आज एम्स का पहला दिन होने के कारण डाक्टरों की कमी भी दिखी अभी पूरे डाक्टर नही पहुंचे है। एक दो दिन में पूरी तरह से स्वास्थ्य सुविधायें आम जनता को मिलने लगेगी।
टोकन और लाइन में लगने को लेकर जनता ने जतायी नाराजगी।
जनता ने मीडिया से बात करते हुये बताया कि सुबह से लाइन में टोकन देकर लगने को बोला था लेकिन अचानक टोकन का सिस्टम खत्म करके कोई भी जहां मन आया लग गया। इसको लेकर लोगों में काफी रोष दिखा। साथ ही 8 बजे से 11 बजे तक गेट खोला गया इसके बाद बन्द कर दिया गया था। मरीज जो बाहर से आये थे 11 बजे के बाद उनको एम्स में प्रवेश नही मिला उस पर भी काफी लोगों का गुस्सा का सामना यहां के प्रशासन को करना पड़ा।
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