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जून, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

रायबरेली जायस

रायबरेली के सबसे पुराने जिलों में से एक जायस अपने शिखर के समय में उद्दयन राजा की राजधानी हुआ करता था। ऐसा माना जाता है कि पद्मावत और अखरावत के लेखक महान कवि मलिक मोहम्मद जायसी का जन्म यहीं पर हुआ था। उनकी समृति में यहाँ जायसी स्मारक भी है।

इन्दिरा गाँधी मेमोरियल बोटैनिकल गार्डन

लखनऊ.वाराणसी राजमार्ग पर स्थित इन्दिरा गाँधी मेमोरियल बोटैनिकल गार्डन को 1986 में स्थापित किया गया था। 57 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला यह सई नदी के उत्तरी तट पर स्थित है। यह स्थान केवल पौधोंए फूलों और बगीचों के लिये ही नहीं है बल्कि अनुसंधान करने वालोंए वैज्ञानिकों और पौधों के बारे में और जानने वालों के लिये एक शैक्षणिक संस्थान भी है। यह गार्डेन कई औषधीय और सजावटी पौधों का घर है। यहाँ पर ग्रीनहाउस के अलावा रॉक गार्डेनए रोज़ गार्डेनए मौसमी गार्डेन और जलीय गार्डेन भी है।

समसपुर पक्षी अभ्यारण्य रायबरेली

समसपुर पक्षी अभ्यारण्य रायबरेली में सलोन के पास स्थित है। 1987 में स्थापित यह अभ्यारण्य 780 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला है। यह अभ्यारण्य बहुत ही शान्त स्थान है और रायबरेली के शोरगुल से राहत देता है। प्रवासी और निवासी दोनो प्रकार की लगभग 250 से अधिक प्रजातियों के घर के रूप में यह अभ्यारण्य उत्तरप्रदेश का प्रमुख पक्षी विहार है। इसमें पाये जाने वाले पक्षियों में गिद्धए किंगफिशरए स्पॉट बिलए सामान्य टीलए विज़न और व्ह्सिलिंग टील प्रमुख हैं। अभ्यारण्य में एक झील भी है जिसमें कई प्रकार की मछलियाँ पाई जाती हैं। स्थानीय लोग और पर्यटक यहाँ आकर पक्षियों को देखनेए पिकनिक मनाने या केवल वातावरण की शान्ति को अन्तर्ग्रहण करने का आनन्द लेते हैं। पक्षियों को देखने का सर्वोत्तम समय नवम्बर से मार्च तक का है। यही वह समय होता है जब ऊँचे पहाड़ों से पक्षी और अन्य प्रवासी पक्षी यहाँ आते हैं।

डालमऊ रायबरेली जिले का ऐतिहासिक शहर

पवित्र गंगा नदी के किनारे पर स्थित डालमऊ रायबरेली जिले का ऐतिहासिक शहर है। इस शहर के आकर्षणों में डल राजा का किलाए बड़ा मठ और महेश गिरि मठ प्रमुख हैं। डालमऊ का साहित्यिक इतिहास में भी एक अनूठा स्थान है क्योंकि यह वही स्थान है जहाँ किले पर बैठ कर प्रसिद्ध हिन्दी कवि सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला जी ने नीचे के दृश्यों को देखते हुये अपनी कवितायें लिखी। डालमऊ में नवाब शुजाउद्दौला का इब्राहिम शारिक महल भी है। पर्यटक आल्हा ऊदल की बैठक देखने के साथ.साथ डालमऊ पम्प नहर पर चहल कदमी का आनन्द ले सकते हैं।

इतिहास के पन्नों में खो रहीं धरोहरें

इतिहास के पन्नों में खो रहीं धरोहरें रायबरेली। विश्व धरोहर दिवस तो हम हर साल मनाते हैंए लेकिन उसका मकसद अभी अधूरा है। वीआईपी जिले में अपनों की बेरुखी से जिले की शान मिट रही है। जिनके नाम से जिला जाना जाता हैए उनका अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। चाहे फिर सरकार हो या फिर जिला प्रशासन के अधिकारी और जनप्रतिनिधि। सबकुछ जानकर अंजान बने हैं। कभी धन भी आता हैए लेकिन इन धरोहरों की मरम्मत के बजाय उसका घालमेल किया जाता है। सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र में कई ऐसी धरोहरें हैंए जो जिले की पहचान हैं। इसमें शहर में शहीद स्मारकए रेवती राम तालाब और डलमऊ नगरी में जनानाघाट और पक्का घाट। उपेक्षा की वजह से ये धरोहरों की हालत खस्ताहाल है। शहीद स्मारक में गंदगी फैली है। मरम्मत के अभाव में शहीद स्मारक जर्जर हो रहा है। अब बात बड़ा कुआं की जाए तो वह भी बदहाल पड़ा है। हालात ये हैं कि शहर का कूड़ा इसी कुएं में फेंका जाता है। बड़ा कुआं को कई बार पर्यटन स्थल का रूप देने के लिए नागरिकों ने आवाज उठाईए लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारी और सरकारए जनप्रतिनिधियों ने ध्यान नहीं दिया। डलमऊ नगरी के जनानाघाट और पक्का घाट का...

रायबरेली की ट्राफिक व्यवस्था को लेकर आशीष सिंह के विचार।

रायबरेली हाल ही में एक समाचार आया कि नीदरलैंड के एक शहर में सड़क की बत्तियों को ज़मीन पर लगा दिया क्योंकि लोग अपने फ़ोन में इतने व्यस्त रहते हैं कि ऊपर सर उठाकर देखना नहीं चाहत...

परीक्षा और प्रश्नपत्रों पर कुछ बेसिक सवाल

भारत में प्रतियोगी परीक्षाओं के पीछे का जितना बैकग्राउंड काम है उसको सँभालने वाले तंत्र कितने विश्वसनीय और योग्य हैं? सामान्यतः सरकार का वह विभाग या एजेंसी जो किसी प्रत...

वीवीआईपी रायबरेली में जिले में केंद्र हो या प्रदेश की सरकारों के मंत्री केवल दिखाते आये जनता को सपने,

सूबे के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने ड्यूटी से गायब रहने वाले 23 डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। सूबे के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिं...