उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक का जारी हुआ नया फरमान, अब आईजी-डीआईजी की मुहर लगने के बाद ही मिलेगी थानेदारी
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक का जारी हुआ नया फरमान, अब आईजी-डीआईजी की मुहर लगने के बाद ही मिलेगी थानेदारी
थानाध्यक्षों की तैनाती में मनमानी रोकने के लिए डीजीपी ओपी सिंह ने इंस्पेक्टरों व सब इंस्पेक्टरों की तैनाती के मापदंड तय कर दिया है। इसमें किसी इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर की थानाध्यक्ष पद पर तैनाती की आयु सीमा 58 वर्ष निर्धारित की गई है। इससे अधिक उम्र वालों को थानाध्यक्ष पद पर तैनात नहीं किया जाएगा।
डीजीपी से इस संबंध में बाकायदा सर्कुलर जारी किया है। डीजीपी के अनुसार थानाध्यक्षों की तैनाती के संबंध में मुख्यालय स्तर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। नए सर्कुलर में कहा गया है कि ऐसे सब इंस्पेक्टर, जिन्होंने व्यवहारिक प्रशिक्षण को छोड़कर सब इंस्पेक्टर के पद पर तीन वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण कर ली हो, थानाध्यक्ष पद पर तैनाती के लिए अर्ह होंगे। थानाध्यक्ष के लिए यह अर्हता भी होगी कि पिछले पांच वर्षों में उनका सत्यनिष्ठा प्रमाणपत्र रोका न गया हो। साथ ही पिछले तीन वर्षों में गंभीर प्रकृति के दंड या प्रतिकूल मंतव्य न प्रदान किए गए हों।
सात दिनों में करना होगा सूची का अनुमोदन
सर्कुलर में जिलों के पुलिस कप्तानों को निर्देशित किया गया है कि वे सभी अर्हताएं पूरी करने वाले सभी सब इंस्पेक्टरों/इंस्पेक्टरों की अलग-अलग सूची उनके सेवा विवरण के साथ वरिष्ठताक्रम में अपनी संस्तुति के साथ आईजी-डीआईजी रेंज को भेजेंगे। आईजी-डीआईजी अपने स्तर पर इस सूची की समीक्षा करके और जरूरत होने पर पुलिस कप्तान से विचार-विमर्श करके इस सूची का अनुमोदन करेंगे। इसी अनुमोदित सूची से ही सब इंस्पेक्टरों व इंस्पेक्टरों को उनकी वरिष्ठता व उपयुक्तता के आधार पर थानाध्यक्ष पद पर नियुक्त किया जाएगा। आईजी-डीआईजी को एसपी के स्तर से भेजी जाने वाली सूची का सात दिनों के अंदर अनुमोदन करके वापस भेजना होगा।
छह माह के अंदर हटाया तो बतानी होगी वजह
इसमें यह भी कहा गया है कि यदि किन्हीं कारणों से किसी इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर को थानाध्यक्ष पद से छह माह के अंदर हटाया जाता है तो कम से कम अगले छह माह तक उसे पुनः थानाध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा। यदि किसी कारण से छह महीने के अंदर थानाध्यक्ष बनाया जाना जरूरी हो तो उसकी नियुक्ति के संबंध में सभी कारणों से आईजी-डीआईजी को लिखित रूप में अवगत कराते हुए उनका पूर्व अनुमोदन लिया जाएगा। इसी तरह प्रशासनिक आधार पर स्थानान्तरित इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर को थानाध्यक्ष के पद पर एक वर्ष तक तैनात नहीं किया जाएगा। किसी भी संबद्ध इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर को उस जिले में थानाध्यक्ष के पद पर तैनात नहीं किया जाएगा। सर्कुलर में यह व्यवस्था भी दी गई है कि जब कोई थानाध्यक्ष हटाया जाएगा तो हटाए जाने के कारणों सहित इसकी जानकारी आईजी-डीआईजी को दी जाएगी।
सहयोग से हिंदुस्तान पेपर लखनऊ
राज्य मुख्यालय,प्रमुख संवाददाता
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