लॉक डाउन-2 से मज़दूर, किसान, व्यापारियों के लिए समस्या बढ़ी - आशीष द्विवेदी
जान के साथ जहान(अर्थव्यवस्था) भी महत्वपूर्ण -
देश, रेड-ऑरेंज-ग्रीन परिकल्पना के अनुरूप संचालित हो -
रायबरेली । उ0प्र0 उद्योग व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष आशीष द्विवेदी द्वारा वैश्विक महामारी कोविड19 के प्रभाव के दौरान 19 दिनों के बढ़े लॉक डाउन-2 पर चिता व्यक्त करते हुवे सभी से अतिरिक्त सावधानी बरतने की अपील की गयी व विभिन्न सामाजिक समस्याओं पर विचार व्यक्त करते हुये कहा कि
प्रधान मंत्री द्वारा 21 दिनों के लॉक डाउन से पूर्व राष्ट्र के नाम संबोधन में "जान है तो जहान है" की बात की गई व 19 दिनों के लॉक डाउन की घोषणा से पूर्व किये गए संबोधन में जान भी महत्वपूर्ण है व जहान भी महत्वपूर्ण है कि बात करके व देश को तीन ज़ोन रेड-ऑरेंज-ग्रीन में बांटने की बात करके लोंगो में 21 दिनों के उपरांत महामारी से लड़ते हुवे आर्थिक समस्याओं से भी निपटने का संदेश दिया था किंतु उनके 19 दिनों के लॉक डाउन को बढ़ाने की घोषणा के साथ ही जहान (अर्थव्यवस्था) भी महत्वपूर्ण है का मनसूबा ध्वस्त होता प्रतीत हुवा है। ऐसे में दिहांड़ी मज़दूर, किसान व व्यापारियों के लिए समस्या बढ़ी है।
आशीष द्विवेदी ने कहा कि दिहाड़ी मज़दूर, काम न होने के कारण पहले से ही कठनाईयों से जूझ रहा था व दूसरों की कृपा पर भूंख को मिटाने को बाध्य था जिसमे बढ़े हुवे लॉक डाउन से विषमताएं बढ़ेंगी, स्वयं की क्षमता को सीमित होते देख लोंगों की मदद को बढ़े हाँथों में कमी आएगी। ऐसे में सरकारी मदद में अपूर्व वृद्धि की जानी चाहिए।
उन्होंने किसानों की समस्या को व्यक्त करते हुये कहा कि फसल कटाई का समय होने के कारण किसान व्याकुल व व्यथित है जेब मे कटाई मज़दूरों को भुगतान की छमता न होने से व संक्रमण के दुष्प्रभाव के डर से काम होने के बावजूद कटाई मज़दूर उपलब्ध नही हो पाएंगे। ऐसे में कटाई मज़दूर बेकारी व आर्थिक तंगी से व किसान श्रमिको की कमी से जूझेगा। उन्होंने कहा कि बढ़े लॉक डाउन की समस्यओं से व्यापारी भी अछूता नही, वह भविष्य के प्रति चिंतित है। नियमत व्यापार कर परिवार की आवश्यकताओं की पूर्ति करने वाला व्यापारी संचित धन के समाप्त होने से मानसिक अवसाद की स्थित में है व सदैव समाजसेवा में अग्रणी भूमिका का निर्वाहन करने वाले व्यापारी वर्ग के लिए जनसेवा का विषय चिंतनीय होता जा रहा है। किराना व फल-सब्जी व्यापार जो कि संचालित है, भी विभिन्न समस्याओं जैसे व्यापारिक सामग्री की आमद, क्रय-विक्रय आदि समस्याओं से प्रभावित है।
उन्होंने कहा कि बेहतर होता सरकार द्वारा प्रस्तावित तीन ज़ोन रेड-ऑरेंज-ग्रीन को देश मे लागू कर, व्यवस्था को सावधानी व शर्तों के साथ लागू करना चाहिए। ताकि देश वैश्विक महामारी के साथ ही उससे उपजी आर्थिक मंडी से भी उबरने के सार्थक प्रयास प्रारम्भ कर पाता। देश, रेड-ऑरेंज-ग्रीन परिकल्पना के अनुरूप शर्तो के साथ संचालित हो साथ ही हॉट-स्पॉट चिन्हित क्षेत्रो में विशेष व अपूर्व सावधानियों बरती जाए।
जान के साथ जहान(अर्थव्यवस्था) भी महत्वपूर्ण -
देश, रेड-ऑरेंज-ग्रीन परिकल्पना के अनुरूप संचालित हो -
रायबरेली । उ0प्र0 उद्योग व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष आशीष द्विवेदी द्वारा वैश्विक महामारी कोविड19 के प्रभाव के दौरान 19 दिनों के बढ़े लॉक डाउन-2 पर चिता व्यक्त करते हुवे सभी से अतिरिक्त सावधानी बरतने की अपील की गयी व विभिन्न सामाजिक समस्याओं पर विचार व्यक्त करते हुये कहा कि
प्रधान मंत्री द्वारा 21 दिनों के लॉक डाउन से पूर्व राष्ट्र के नाम संबोधन में "जान है तो जहान है" की बात की गई व 19 दिनों के लॉक डाउन की घोषणा से पूर्व किये गए संबोधन में जान भी महत्वपूर्ण है व जहान भी महत्वपूर्ण है कि बात करके व देश को तीन ज़ोन रेड-ऑरेंज-ग्रीन में बांटने की बात करके लोंगो में 21 दिनों के उपरांत महामारी से लड़ते हुवे आर्थिक समस्याओं से भी निपटने का संदेश दिया था किंतु उनके 19 दिनों के लॉक डाउन को बढ़ाने की घोषणा के साथ ही जहान (अर्थव्यवस्था) भी महत्वपूर्ण है का मनसूबा ध्वस्त होता प्रतीत हुवा है। ऐसे में दिहांड़ी मज़दूर, किसान व व्यापारियों के लिए समस्या बढ़ी है।
आशीष द्विवेदी ने कहा कि दिहाड़ी मज़दूर, काम न होने के कारण पहले से ही कठनाईयों से जूझ रहा था व दूसरों की कृपा पर भूंख को मिटाने को बाध्य था जिसमे बढ़े हुवे लॉक डाउन से विषमताएं बढ़ेंगी, स्वयं की क्षमता को सीमित होते देख लोंगों की मदद को बढ़े हाँथों में कमी आएगी। ऐसे में सरकारी मदद में अपूर्व वृद्धि की जानी चाहिए।
उन्होंने किसानों की समस्या को व्यक्त करते हुये कहा कि फसल कटाई का समय होने के कारण किसान व्याकुल व व्यथित है जेब मे कटाई मज़दूरों को भुगतान की छमता न होने से व संक्रमण के दुष्प्रभाव के डर से काम होने के बावजूद कटाई मज़दूर उपलब्ध नही हो पाएंगे। ऐसे में कटाई मज़दूर बेकारी व आर्थिक तंगी से व किसान श्रमिको की कमी से जूझेगा। उन्होंने कहा कि बढ़े लॉक डाउन की समस्यओं से व्यापारी भी अछूता नही, वह भविष्य के प्रति चिंतित है। नियमत व्यापार कर परिवार की आवश्यकताओं की पूर्ति करने वाला व्यापारी संचित धन के समाप्त होने से मानसिक अवसाद की स्थित में है व सदैव समाजसेवा में अग्रणी भूमिका का निर्वाहन करने वाले व्यापारी वर्ग के लिए जनसेवा का विषय चिंतनीय होता जा रहा है। किराना व फल-सब्जी व्यापार जो कि संचालित है, भी विभिन्न समस्याओं जैसे व्यापारिक सामग्री की आमद, क्रय-विक्रय आदि समस्याओं से प्रभावित है।
उन्होंने कहा कि बेहतर होता सरकार द्वारा प्रस्तावित तीन ज़ोन रेड-ऑरेंज-ग्रीन को देश मे लागू कर, व्यवस्था को सावधानी व शर्तों के साथ लागू करना चाहिए। ताकि देश वैश्विक महामारी के साथ ही उससे उपजी आर्थिक मंडी से भी उबरने के सार्थक प्रयास प्रारम्भ कर पाता। देश, रेड-ऑरेंज-ग्रीन परिकल्पना के अनुरूप शर्तो के साथ संचालित हो साथ ही हॉट-स्पॉट चिन्हित क्षेत्रो में विशेष व अपूर्व सावधानियों बरती जाए।
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